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रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी
Wednesday, 20 Mar 2013 1:32:19 hrs IST
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जयपुर। सावधान! अगर आपको रेलवे भर्ती बोर्ड कोलकाता के नाम पर कोई पांच लाख रूपए में इंजीनियर, टीटीई और खलासी बनाने का दावा करता है तो तय है कि आपके साथ ठगी हो रही है। 18 मार्च को रेलवे भर्ती बोर्ड कोलकाता की हूबहू फर्जी वेबसाइट आरआरबीकोलकाताएमआर क्वाटाजीओवी डॉट इन पर परिणाम जारी कर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। रेलवे भर्ती बोर्ड असली वेबसाइट ड्ब्ल्यूड्ब्ल्यूड्ब्ल्यूडॉटआरआरबीकोलकाताडॉटओआरजी है। यही वेबसाइट रेलवे बोर्ड में भी दर्ज है। प्रदेश में इस वेबसाइट के माध्यम से तीन दर्जन से अघिक व्यक्ति ठगी की चपेट में हैं, राजधानी में भी कई लोग शिकार हो चुके हैं। इससे पहले गिरोह से ठगे गए लोगों का आंकड़ा हजारों में है। ठगों ने साइट पर देशभर से 258 लोगों का परिणाम जारी किया और सभी से 1-1 लाख रू. ले चुके हैं। परिणाम के बाद ठग फोन करके मेडिकल, ट्रेनिंग, पोस्टिंग के नाम पर 4-4 लाख रूपए मांग रहे हैं।
खिलाड़ी कोटे के नाम पर भर्ती का फर्जी खेल
खिलाड़ी कोटे के नाम पर रेलवे भर्ती फर्जीवाड़े का खेल उत्तर से पूर्वोत्तर और पश्चिम से लेकर मध्य तक फैला हुआ है। ठगों का यह गिरोह खिलाड़ी कोटे के नाम पर बिना किसी लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के सीधी नौकरी दिलाने का झांसा देता है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रदेशों तक फैले इस जाल में फसें व्यक्तियों को यह बताया जाता है कि कोटे में भर्ती के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला जाता है, इसकी सीधी भर्ती की जाती है।
रिश्तेदार ही फंसाते हैं रिश्तेदार को
रैकेट का सरगना डीके सिंह है। वह नौकरी पाने पहुंचे लोगों को लुभावना पैकेज देता है कि वे जितने आदमी लेकर आएंगे, उतने लाख रूपए कम हो जाएंगे। ऎसे में लोग रिश्तेदारों को ही नौकरी के लिए लुभाते हैं। ऎसे ही इनका रैकेट बढ़ता चला गया।
शेखावाटी में ज्यादा
राजस्थान में शेखावाटी के जिले इसकी चपेट में ज्यादा हैं। दरअसल, यहां अरब देशों से पैसा आया लेकिन शिक्षा कम है।
गिरफ्तारी की धौंस
कोई व्यक्ति नौकरी मिलेगी या नहीं इसकी पूछताछ शुरू करता है तो गिरोह की ओर से उसे नौकरी न देने और रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कराने की धौंस दी जाती हैं। ऎसे में वह पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से बचता है।
सही भर्ती का तरीका
रेलवे अघिकरियों के मुताबिक किसी भर्ती प्रक्रिया में पहले विज्ञापन निकालते हैं। फिर आवेदन आते हैं। जिसके बाद परीक्षा और फिर परिणाम जारी किए जाते हैं। इसके बाद इंटरव्यू और मेडिकल होने के बाद ही नौकरी दी जाती है। 
वेबसाइट पूरी तरह फर्जी है। कोई भी विषयवस्तु रेलवे वोर्ड की साइट के माध्यम से जाकर देखें। इस मामले को आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्तुत करेंगे।
अनिल सक्सेना, प्रवक्ता, रेल मंत्रालय व बोर्ड
हम इस मामले में कार्रवाई करेंगे। वैसे अभ्यर्थियों को पूरी पड़ताल करनी चाहिए। यदि कोई ऎसा कर रहा है तो उसकी शिकायत संबंघित मंडल कार्यालय और रेलवे भर्ती बोर्ड में करें।
आर. राजागोपाल, चेयरमैन, रेलवे भर्ती बोर्ड कोलकाता
1 मुलाकात
बेरोजगार युवक को एजेंट अपने झांसे में लेकर कोलकाता पहुंचता है। अक्सर रात में शहर के सोनागाछी इलाके के बड़े होटलों और बीयर बारों में युवक की मुलाकात मुख्य एजेंट से कराई जाती है।
2 परीक्षा
मुख्य एजेंट से मिलवाने के बाद युवक की बकायदा परीक्षा कराई जाती है और इसके लिए उससे एक लाख रूपए बतौर पेशगी भी ली जाती है।
3 परिणाम
वेबसाइट पर जारी किया जाता है परिणाम और शुरू होती है अतिरिक्त बचे 4 लाख की मांग। पैसा पहुंचते ही बंद हो जाती है नौकरी की यह फर्जी दुकान।
लगा जैसे सबकुछ असली हो
ठगी के शिकार श्योभगवान नेहरा ने बताया कि वह लक्ष्मणगढ़ के एजेंट के माध्यम से कोलकाता भेजा गया। वहां फार्म भरा और एजेंट ने दो लाख रूपए लिए। कागजात प्रमाणित कराने को राजस्थान भेजा। दोबारा कोलकाता पहुंचे तो मेडिकल कराया और दो लाख रू. ले लिए। उसके बाद नेहाटी स्टेशन के पास रेलवे क्वार्टर में ट्रेनिंग कराई। उस समय दो लाख मांगे पर व्यवस्था होने पर एक लाख दिए। शक हुआ और पूछताछ की तो आधी रात हथियारबंद लोगों ने मारपीट की।
विज्ञापन, वेबसाइट का ले रहे सहारा
पहले ठग एजेंटों के माध्यम से बेरोजगारों को फंसाते थे, लेकिन अब विज्ञापन और वेबसाइट का सहारा लिया जा रहा है। ऑनलाइन रिजल्ट के बाद उत्तीर्ण होने वाले व्यक्ति से चार-चार लाख रूपए मांगे जा रहे हैं। जैसे ही पैसा जमा होता है, सब चंपत हो जाते हैं।
आनंदमणि त्रिपाठी/ हीरेन जोशी

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